आंत स्वास्थ्य और माइक्रोबायोम के संपूर्ण गाइड्स के बारे में हम लोग इस ब्लॉक में जानेंगे। हमारा पाचन तंत्र सभी भोजन को पचाने का कार्य ही नहीं करता बल्कि यह पूरे शरीर को स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हमारे हाथ में लाखों प्रकार के सूक्ष्म जीव होते हैं। जैसे कि बैक्टीरिया फंगस वायरस जिन्हें माइक्रोबायोम भी कहा जाता है। यह अच्छे और बुरे बैक्टीरिया कई संतुलन को बनाए रखते हैं। और कई शारीरिक कार्यों को सुझाव रूप से संचालित करने में हमारी बहुत ही ज्यादा मदद करते हैं।
आधुनिक जीवन शैली प्रोस्टेट फूड तनाव और एंटीबायोटिक का अत्यधिक उपयोग हमारी आंख की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इस ब्लॉक में हम आज स्वास्थ्य और माइक्रोबायोम के महत्व के बारे में समझेंगे और उसे सुधारने के प्राकृतिक तरीके और उसके स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव को विस्तार से समझेंगे।
आंत स्वास्थ्य और माइक्रोबायोम क्या होते हैं?
1.आंत स्वास्थ्य का परिचय:
आज जिसे आमतौर पर गट भी कहा जाता है। हमारे पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है यह भोजन को पचाने पोषक तत्व को अवशोषित करने में शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने का कार्य करता है। लेकिन इसका सबसे प्रभावी कार्य होता है। कि यह हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को नियंत्रित करता है। और शरीर में सूजन को कम करने में हमारी बहुत ही ज्यादा मदद करता है।
2.माइक्रोबायोलॉजी क्या होते हैं?
माइक्रोबायोम हमारे हाथ में रहने वाले अरबों सूक्ष्म जीवों ( बैक्टीरिया वायरस फंगस और अन्य) का एक समुदाय होता है। यह सूक्ष्म जीव हमारे शरीर के कई कार्यो को प्रभावित कर सकते हैं। जैसे कि:
- पोषण का अवशोषण
- प्रतिष्ठान प्रणाली को मजबूत करना
- हार्मोनल संतुलन बनाए रखना
- मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करना
आंत स्वास्थ्य खराब होने के लक्षण
अगर आपकी आंत संतुलित है। तो आपका शरीर विभिन्न संकेत भेजता है। जैसे की:
1.पाचन समस्या-बार बार गैस बनना,ब्लास्टिंग,कब्ज या दस्त होना
2.त्वचा संबंधी समस्याएं-एक्जिमा,मुंहासे,एलर्जी होना
3.बार बार बीमार पड़ना-कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम,
4.थकान और ऊर्जा की कमी होना-आंत खराब होने से पोषण अवशोषण प्रभावित होता है।
5.मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं-चिंता,तनाव और अवसाद जैसी समस्याएं बनी रहना , अगर इन लक्षणों को नजर अंदाज किया जाए तो यह आगे चलकर एक गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकता है।
आंत स्वास्थ्य को सुधारने के प्राकृतिक तरीके
1.फाइबर युक्त आहार का सेवन करें
फाइबर आंत के अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन का कार्य करता है। जिसे यह माइक्रोबायोम को स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करता है।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
- हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक,मेथी,ब्रोकली)
- फल (सेब,केला,पपीता,संतरा)
- साबुत अनाज (ब्राउन राइस,ओट्स)
- फलियाँ और दालें
2.प्रोबायोटिक और प्रोबायोटिक्स का सेवन करें
प्रोबायोटिक अच्छे बैक्टीरिया होते हैं। जबकि प्रोबायोटिक्स उनके लिए भोजन का काम करते हैं।
प्रोबायोटिक स्रोत
- दही
- छाछ
- किमची
- केफिर
प्रीबायोटिक के स्रोत
- लहसुन
- प्याज
- केला
- ओट्स
3.प्रोसेस्ड फूड से बचें
फास्ट फूड,शुगर और अधिक वर्षा वाले खाद्य पदार्थ हमारे आंत के अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं। और बुरे बैक्टीरिया को बढ़ावा दे सकते हैं।
क्या ना खाएं?
- पैकेज्ड फूड
- अधिक मीठे पदार्थ
- कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक्स
- कृत्रिम मिठास वाले खाद्य पदार्थ
4.पर्याप्त मात्रा में पानी पिए
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए पानी पीना चाहिए और आंत को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना आवश्यक होता है।
5.तनाव कम करें
तनाव सीधे आंत के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जब हम तनाव ग्रस्त होते हैं। तो हमारा शरीर कॉर्टिसोल नामक हारमोंस का उत्पादन करता रहता है। जो अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकता है।
तनाव कम करने के तरीके:
- ध्यान (मेडिटेशन)
- योग
- नियमित व्यायाम
- गहरी सांस लेने की तकनीक
6.भरपूर नींद ले
अच्छी नींद लेने से आपके बैक्टीरिया संतुलित रहते हैं। प्रतिदिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत ही आवश्यक होता है।
7.एंटीबायोटिक का अति प्रयोग ना करें
अत्यधिक एंटीबायोटिक का सेवन हाथ में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को खत्म भी कर सकता है। दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।