टेलीमेडिसिन आज की तेज रफ्तार दुनिया में हर चीज डिजिटल हो रही है।फिर चिकित्सा और इलाज इससे कैसे छूट सकते हैं।
टेलीमेडिसिन एक ऐसी तकनीक है। जो बिना डॉक्टर के पास जाए भी मरीज को बेहतर इलाज और परामर्श दिलाने में मदद कर रही है। यह स्वास्थ्य सेवा हेल्थकेयर में एक नई क्रांति जो भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र को पूरी तरह से बदल रही है।
टेलीमेडिसिन क्या होता है?
टेलीमेडिसिन क्या होता है आईए जानते हैं। टेलीमेडिसिन का मतलब है। डॉक्टर और मरीज के बीच दूरी होने के बावजूद वीडियो कॉल,फोन या ऑनलाइन चैट के माध्यम से इलाज और परामर्श लेना यह सिर्फ एक वर्चुअल मुलाकात नहीं बल्कि एक संपूर्ण डिजिटल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली मानी जाती है। जो तकनीक और चिकित्सा को जोड़ती है।
टेलीमेडिसिन कैसे काम करता है?
टेलीमेडिसिन के जरिए मरीज घर बैठे अपनी बीमारी के बारे में डॉक्टर से सलाह ले सकता है। इसका तरीका बहुत ही सरल और अच्छा होता है।
- 1.ऑनलाइन अपॉइंटमेंट:मरीज पहले किसी टेलीमेडिसिन ऐप या वेबसाइट के जरिए डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
- 2.वीडियो कॉल या ऑडियो कॉल चैट: तय समय पर डॉक्टर और मरीज वीडियो कॉल,ऑडियो कॉल या चैट के माध्यम से जुड़ते है। और मरीजों को सलाह देते है।
- 3.डायग्नोसिस और परामर्श: डॉक्टर मरीज के लक्षणों को समझ कर उसे सही दवा और परामर्श देते है।
- 4.इलेक्ट्रॉनिक प्रिस्क्रिप्शन: कई टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म मरीज को डिजिटल रूप से प्रिस्क्रिप्शन भी प्रदान करते हैं। जिससे मरीज नज़दीकी दवा दुकान पर दिखाकर दवाई ले सकता है।
टेलीमेडिसिन से होने वाले फायदे?
टेलीमेडिसिन ने मेडिकल सेवाओं को पहले से ज्यादा आसान और किफायती बना दिया है। इसके कुछ प्रमुख लाभ किस प्रकार से होते हैं।
- समय की बात: मरीज को अस्पताल या क्लीनिक जाने की जरूरत नहीं होती है। जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
- ग्रामीण इलाकों में लाभकारी: गांव में जहां डॉक्टर आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। वहां टेलीमेडिसिन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
- तुरंत परामर्श: आपातकालीन स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। जिससे मरीज की भी जान बन सकती है।
- कम खर्चे में इलाज: डेलीमेडिसिन से डॉक्टर का शुल्क और यात्रा खर्च कम हो जाता है। जिससे यह किफायती बनता है।
- मेडिकल रिकॉर्ड सुरक्षित:डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मरीज का मेडिकल डाटा भी सुरक्षित रहता है। जिससे भविष्य में कभी भी इलाज की आवश्यकता में आसानी हो सके।
टेलीमेडिसिन से होने वाले कुछ नुकसान
जहां टेलीमेडिसिन के कई फायदे होते हैं। वहां कई नुकसान भी होते हैं।
इंटरनेट और तकनीकी सीमाएं: सभी के पास अच्छी इंटरनेट सुविधा या स्मार्टफोन नहीं होते हैं। जिससे टेलीमेडिसिन का लाभ नहीं सभी ले पाते हैं।
फिजिकल जांच की कमी: कुछ बीमारियों में डॉक्टर को मैरिज की शारीरिक जांच करनी पड़ती है। जो ऑनलाइन संभव नहीं हो सकती है। गलत निदान का खतरा कभी-कभी डॉक्टर बिना फिजिकल टेस्ट के सही बीमारी का पता नहीं लगा पता है। जिससे गलत प्रिस्क्रिप्शन कर देता है।
भारत में टेलीमेडिसिन का भविष्य
भारत में टेलीमेडिसिन की मांग लगातार बढ़ रही है। खासकर कॉविड-19 महामारी के बाद लोगों ने ऑनलाइन चिकित्सा सेवाओं को ज्यादा अपनाया है। सरकार भी इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। जैसे ई-संजीवनी प्लेटफार्म जो ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वस्थ सेवाएं प्रदान करने में बहुत ही ज्यादा सक्षम है।
इसके अलावा AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,मशीन लॉगिन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी-नई तकनीकी को जोड़ने से टेलीमेडिसिन और भी उत्पन्न होने वाला है। भविष्य में यह सेक्टर और तेजी से बढ़ेगा,जिससे स्वास्थ्य के लिए अधिक सुलभ बनेगी और लोग बहुत ही ज्यादा सुखी रहेंगे।