पोषण और हाइड्रेशन हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। आज की तेज तर्रार दुनिया में हम अक्सर अपने शरीर की मूलभूत जरूरत को नजर अंदाज कर देते हैं। सही पोषण और हाइड्रेशन केवल एक आदत नहीं बल्कि एक जीवनशैली होती है। जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करती है।
इस ब्लॉक में हम इस विषय को नए और ट्रांसफॉर्मेटिव दृष्टिकोण से समझेंगे।
पोषण-शरीर का ईंधन
1.पोषण का विज्ञान:
हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है। जिसे सुचार रूप से चलने के लिए सही ईंधन की जरूरत होती है। पोषण का अर्थ केवल खाना खाना नहीं बल्कि सही पोषण तत्व को सही मात्रा में पाना होता है।
मुख्य पोषक तत्व:
- कार्बोहाइड्रेट: शरीर को त्वरित ऊर्जा देते हैं। जैसे-फल,अनाज,शहद।
- प्रोटीन: मांसपेशियों की वृद्धि और ऊतकों की मरम्मत करने में सहायक होते हैं। जैसे-दाल,अंडा,मछली,सोयाबीन।
- वसा: दीर्घ कालीन ऊर्जा स्रोत और कोशिकाओं की कार्य प्रणाली के लिए आवश्यक होते हैं। जैसे-नट्स ,बीज,एवोकाडो,घी।
- विटामिन और खनिज: प्रतिरक्षा प्रणाली हड्डियों और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं। जैसे-हरी सब्जियां,दूध,फल।
- फाइबर: पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। जैसे-साबुत अनाज,फल।
2.न्यूट्रीशन का नया दृष्टिकोण:
आजकल लोग पोषण को सिर्फ कैलोरी तक सीमित कर देते हैं। लेकिन असली फोकस फूड इनफॉरमेशन (खाद्य सूचना) पर होना चाहिए हर खाद्य पदार्थ सिर्फ ऊर्जा नहीं देते हैं। बल्कि उसमें जीवन शक्ति और हीलिंग प्रॉपर्टीज भी होती है। उदाहरण के लिए।
- हल्दी सिर्फ एक मसाला नहीं बल्कि एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक भी होता है।
- नारियल पानी सिर्फ हाइड्रेशन का स्रोत ही नहीं बल्कि इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर होता है।
3.माइंडफुल ईटिंग:भोजन को ऊर्जा में बदलना:
आप जो खाते हैं। वह आपके शरीर का हिस्सा बन जाता है।
- धीरे धीरे खाएं और हर बाइट का आनंद लेना चाहिए।
- खाने से पहले प्रार्थना करें या सकारात्मक सोच जिससे भोजन की ऊर्जा बढ़ती है।
- रात में हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
हाइड्रेशन-जीवन का प्रवाह
1.पानी और शरीर का कनेक्शन:
हमारा शरीर 60 से 70% पानी से बना हुआ होता है। इसलिए हाइड्रेशन का संतुलन बनाए रखना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है।
प्राप्त पानी न पीने के नुकसान:
- सर दर्द और थकान
- कब्ज और पाचन समस्या होना
- त्वचा का रूखापन और उम्र बढ़ाने के संकेत जैसे होना
- मानसिक तनाव और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
2.सही तरीके से हाइड्रेट कैसे रहे?
- सुबह उठते ही एक से दो गिलास पानी पीना चाहिए-यह शरीर को डिटॉक्स करने में हमारी मदद करता है।
- खाने से 30 मिनट पहले और बाद में पानी पीने से बचें-यह पाचन रस को कमजोर कर सकता है।
- हर घंटे एक घूंट पानी पीना चाहिए-इससे शरीर का तापमान और ऊर्जा संतुलित रहती है।
3.शरीर को हाइड्रेट करें:
प्यास महसूस होना पहले ही डिहाईड्रेशन का संकेत होता है।
- हल्का पीलापन-सही हाइड्रेशन
- गहरा पीला रंग-पानी की कमी
- साफ और हल्का रंग-बहुत ज्यादा पानी पीना (जो भी सही नहीं है।)
पोषण और हाइड्रेशन की साइंस
प्राचीन समय से भारतीय योग और आयुर्वेदिक में भोजन और पानी को सिर्फ पोषण नहीं बल्कि ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है।
- सूरजमुखी के बीज और बादाम-नाड़ी तंत्र को शांत करने में हमारी मदद करते हैं।
- देसी घी और नारियल तेल-मस्तिष्क को तेज बनाने में हमारी मदद करते हैं।
- तांबे के बर्तन में रखा पानी-शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करने में हमारी मदद करता है।
- चंद्रमा की रोशनी में रखा पानी-मून वॉटर ऊर्जा संतुलन को सुधरता है।
ट्रांसफॉर्मेशन की शुरुआत आज से करें
यदि आप अपनी उर्जा त्वचा पाचन और मानसिक शांत में सुधार लाना चाहते हैं। तो आज से ही पोषण और हाइड्रेशन पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए।
- सुबह सही भोजन चुने।
- अपने पानी पीने की आदत में सुधार करें।
- माइंडफुल होकर खाएं और पिए।