माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल विकार है।जिसमें सिर के एक हिस्से में तीव्र दर्द मतली उल्टी और प्रकाश या ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जैसे लक्षण होते हैं। यह समस्या कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है।

जैसे अनुवांशिकता हार्मोनल परिवर्तन तनाव नींद की कमी या कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन हालांकि माइग्रेन का कोई स्थाई इलाज नहीं है। लेकिन कुछ घरेलू उपायों से इसके लक्षणों में राहत पाई जा सकती है।
1.हाइड्रेशन ( पानी का सेवन )
निर्जलीकरण माइग्रेन के एक सामान्य ट्रिगर के रूप में कार्य करता है। इसलिए दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। हाइड्रेटेड रहने से सिर दर्द की तीव्रता कम हो सकती है।
2.ठंडा या गर्म सेक
माइग्रेन के दौरान माथे या गर्दन पर ठंडा या गर्म सेक लगाने से दर्द में राहत मिल सकती है। ठंड सेक एक रक्तवाहिका को संकुचित करता है। जबकि गर्म सेक से मांसपेशियों को आराम देता है।
3.अदरक का सेवन
अदरक में सूजन – रोधी गुण होते हैं। जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में अधिक मददगार होते हैं। अदरक की चाय पिए या ताजी अदरक के टुकड़े को चबाएं।
4.पुदीना तेल का उपयोग
पुदीना तेल में मेंथॉल होता है। जो सिरदर्द में राहत प्रदान करता है। माथे पर पुदीना तेल की कुछ बूंदे लगाएं। और धीरे धीरे मसाज करें।
5.कैफीन का सेवन
माइग्रेन के दौरान सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन सिरदर्द में राहत दे सकता है। हालांकि अत्यधिक कैफीन से बचना चाहिए। क्योंकि यह माइग्रेन को अत्यधिक बढ़ा सकता है।
6.नियमित नींद
अनियमित नींद माइग्रेन के हमलो को बढ़ा सकती है। प्रत्येक दिन एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
7.तनाव प्रबंधन
योग ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीके तनाव को कम करने में मदद करती है। जो माइग्रेन के ट्रिगर के रूप में कार्य करते हैं।तनाव प्रबंधन स्ट्रेस को बहुत ही ज्यादा काम करता है। जिससे हमें माइग्रेशन की दिक्कत बहुत कम होती है।
8.आहार में परिवर्तन
कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शराब,चॉकलेट और कैफीन का सेवन कम करना चाहिए। इसके बजाए हरी पत्तेदार सब्जियां फल और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाना चाहिए।
9.आवश्यक तेलों का उपयोग
लैवेंडर और पेपरमेंट जैसे आवश्यक तेल माइग्रेन में राहत प्रदान करते हैं। इन तेलों की कुछ बूंदे पानी में मिलाकर स्टीम ले या सीधे माथे पर लगाए।
10.मसाज थेरेपी
गर्दन,कंधे और सिर की हल्की मालिश से मांसपेशियों का तनाव कम होता रहता है। और माइग्रेन में राहत मिलती है।
11.मैग्नीशियम युक्त आहार
मैग्नीशियम की कमी माइग्रेन के हमलो को बढ़ा सकते हैं। अपने आहार में बादाम एवोकाडो और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करना चाहिए। जो मैग्नीशियम से भरपूर होती है।
12.तेज रोशनी और शोर से बचाव
तेज रोशनी और शोर माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।। माइग्रेन के दौरान शांत और मंद रोशनी वाले स्थान पर आराम करना चाहिए।
13.विटामिन डी और सी का सेवन
विटामिन डी और सी की कमी माइग्रेन के लक्षणों को बढ़ा सकती है। सूरज की रोशनी संतरे और खट्टे फल विटामिन सी के अच्छे स्रोत है। जबकि विटामिन डी के लिए दूध और अंडे का सेवन करना चाहिए।
14.दालचीनी का सेवन
दालचीनी में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी का पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं। या दालचीनी की चाय पीना चाहिए।
15.गुड़ और दूध का सेवन
गुड और दूध का संयोजन माइग्रेन के दर्द में राहत प्रदान कर सकता है। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच गुड़ मिलाकर पीना चाहिए।
16.विटामिन B2 का सेवन
विटामिन B2 की कमी माइग्रेन के हमलो को बढ़ा सकती हैं। दूध दही और अंडे विटामिन B2 के अच्छे स्रोत हैं।
17.फिजिकल एक्टिविटी
नियमित व्यायाम रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। और माइग्रेन की आवृत्ति को कम करता है। हल्का व्यायाम जैसे तेज चलना यह साइकिल चलाना फायदेमंद हो सकता है।
18.सरसों या नारियल तेल से मालिश
गर्म सरसों के तेल और नारियल तेल से मालिश करने से माइग्रेशन बहुत ही ज्यादा ठीक करने में मदद मिलती है।