PCOD क्या होता है?आईए जानते हैं

PCOD का फुल फॉर्म हैपॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (POLYCYSTIC OVARIAN DISEASE) यह एक हार्मोनल विकार होता है जो महिला में हारमोंस संतुलन बिगड़ने की वजह से होता है इस वजह से महिलाओं के अंडाशय में छोटे छोटे सिस्ट बन जाते हैं जो गांठ की तरह दिखाई देते हैं यह समस्या आम, लेकिन गंभीर समस्या बनकर उभर रही है यह समस्या प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करती है और समय पर इनकी पहचान न होने पर कई जटिल स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है

PCOD

आईए जानते हैं इस ब्लॉग में पीसीओडी क्या होता है

पीसीओडी क्या है?

पीसीओडी एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें महिलाओं के अंडाशय में कई छोटी-छोटी गांठे पड़ जाती हैं इसके कारण एस्ट्रोजन हार्मोस का अधिक स्राव होता है जो हार्मोन असंतुलित का कारण बनता है इस स्थिति में अंडाशय सामान्य आकार से बड़े हो जाते हैं और अनियमित  माहवारी,वजन बढ़ाना और बांझपन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं

पीसीओडी के लक्षण

पीसीओडी के लक्षण महिलाओं में निम्न प्रकार से हो सकते हैं लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार होते हैं

  1. अनियमित माहवारी: माहवारी 35 दिन से अधिक अंतराल पर होने लगती है
  2. वजन बढ़ना: विशेष कर पेट के निचले हिस्से में चर्बी जमा होने लगती है
  3. मुहासे और तेलीय त्वचा: हार्मोनल असंतुलन के कारण मुहासे हो जाते हैं
  4. अत्यधिक बालों की वृद्धि: चेहरे छाती और पीठ पर अनचाहे बालों की वृद्धि हो जाती है
  5. बांझपन(INFERTILITY): अंडोत्सर्जन में परेशानी के कारण गर्भधारण मुश्किल हो सकता है

पीसीओडी के कारण

पीसीओडी के कई कारण हो सकते हैं मुख्य कुछ कारण निम्नलिखित है

  1. अनुवांशिकता(GENETIC FACTOR): यदि परिवार में किसी को यह समस्या हो चुकी है तो इसका खतरा बढ़ सकता है
  2. जीवन शैली की समस्या: अधिक जंक फूड और शरीर गतिविधियों की कमी के कारण हो सकता है
  3. हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन अंडाशय में गांठ का कारण बनता है
  4. इंसुलिन प्रतिरोध(INSULIN RESISTANCE): शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता कम होने पर रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है जिससे पीसीओडी का खतरा बहुत ही ज्यादा बढ़ सकता है

पीसीओडी की कैसे पहचान करें

पीसीओडी की पहचान के लिए निम्नलिखित प्रशिक्षण करने पड़ते हैं जिससे पीसीओडी का पता चलता है

  • अल्ट्रासाउंड(ULTRASOUND): अंडाशय में गांठ की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है
  • रक्त प्रशिक्षण(BLOOD TEST): हार्मोनल असंतुलन और इंसुलिन के स्तर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है
  • मासिक धर्म का इतिहास(MENSTRUAL HISTORY): आपकी माहवारी की नियमितता के बारे में पूछता है और उसकी जांच करता है
पीसीओडी का उपचार(TREATMENT OF PCOD)

पीसीओडी का इलाज जीवन शैली में बदलाव,दबाव और असंतुलन आहार पर आधारित होता है

1.जीवन शैली में सुधार(lifestyle improvements)
  • स्वस्थ आहार(HEALTHY DIET):अत्यधिक जंक फूड से बचाना और उच्च फाइबर कम कार्बोहाइड्रेट आहार लेना आवश्यक होता है
  • नियमित व्यायाम(REGULAR EXCERCISE): शरीर गतिविधि हार्मोनल संतुलन में मदद करती हैं और वजन को नियंत्रित रखने में हमारी मदद करते हैं
  • तनाव प्रबंधन(STRESS MANAGEMENT): योग, ध्यान और पर्यटन से तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है
2.दवाओं का उपयोग(USE OF MEDICINES)

डॉक्टर हार्मोनल असंतुलन और अनियमित माहवारी के लिए गर्भनिरोधक गोलियां दे सकते हैं जिससे फायदा हो सकता है

इंसुलिन प्रतिरोध के लिए मेटाफॉर्मिन जैसी दवाई दी जाती हैं

3.प्रजनन उपचार

यदि आप गर्भधारण करना चाहते हैं तो ओवुलेशन के बढ़ाने वाली दवाई दी जाती हैं अत्यधिक मामले में आईवीएफ जैसी तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है

पीसीओडी में आहार का महत्व

पीसीओडी को नियंत्रित करने के लिए आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

आहार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:
  • प्राकृतिक और ताजा भोजन करें: हरी सब्जी,फल और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए
  • प्रोटीन युक्त आहार ले: मछली और दाले शामिल करनी चाहिए
  • जंक फूड और मीठे पेड़ से बचना चाहिए
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए

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