अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis)एक दीर्घकालीन आंतों की बीमारी होती है। जो पाचन तंत्र को अंदरुनी से प्रभावित करती है। यह एक प्रकार की सूजन संबंधी आंत रोग है। जो बड़ी आंत और मलाशय में सूजन और घाव पैदा करती है। इस रोग के लक्षण जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। और समय पर उपचार न मिलने पर जटिलता है। उत्पन्न कर सकते हैं।
इस ब्लॉक में हम अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण लक्षण और बचाव के बारे में विस्तार रूप से बताएंगे।
अल्सरेटिव कोलाइटिस होने के कारण
हालांकि इस बीमारी का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन कुछ कारक इसके लिए जिम्मेदार माने गए हैं।
1.प्रतीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी
जब शरीर की प्रतीक्षा प्रणाली गलत से स्वास्थ्य आंतों की कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। तो यह सूजन और अल्सर का बहुत बड़ा कारण बन सकती है।
2.आनुवांशिक कारण
अगर परिवार में किसी को यह बीमारी रही है। तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
3.पर्यावरण कारण
अधिक प्रदूषण स्वस्थ खानपान और तनाव भी इस बीमारी को ट्रिगर कर सकते हैं।
4.संक्रमण
कुछ बैक्टीरिया और वायरस भी आंतों की सूजन को बहुत ही जल्द ही बढ़ा सकते हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण
इस बीमारी के लक्षण व्यक्ति विशेष पर निर्भर करते हैं। और हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। आमतौर पर देखे जाने वाले लक्षण निम्नलिखित प्रकार से होते हैं।
- पेट में दर्द होना।
- लगातार दस्त (डायरिया) जिससे रक्त आ सकता है।
- वजन घटाना और कमजोरी होना।
- भूख न लगना।
- थकान और कमजोरी होना।
- मल त्याग में अत्यधिक आवृत्ति।
- बुखार और डिहाइड्रेशन होना।
अल्सरेटिव कोलाइटिस के निदान
इस बीमारी के सही निदान के लिए डॉक्टर निम्नलिखित प्रशिक्षण कर सकते हैं। जिससे वह अल्टरनेटिव कोलाइटिस का पता लगते हैं।
- कोलोनोस्कोपी(COLONOSCOPY):इस प्रक्रिया में एक पतली ट्यूब के माध्यम आंतों से जांच की जाती है।
- बायोप्सी(BIOPSY):कोलोनोस्कोपी के दौरान लिए गए ऊतक नमूने की जांच की जाती है।
- खून की जांच(BLOOD TESTS): इसमें सूजन और एनीमिया का पता लगाया जाता है।
- स्टूल टेस्ट(STOOL TEST):मल में रक्त और संक्रमण की जांच की जाती है।
- सीटी स्कैन (CT-SCAN) या एमआरआई (MRI):यह आंतों की संरचना का अधिक स्पष्ट चित्र प्रदान करती है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस का उपचार
अल्सरेटिव कोलाइटिस का कोई स्थिर इलाज नहीं है। लेकिन इसके लक्षणों के लिए नियंत्रित करने के लिए काई प्रकार के उपचार उपलब्ध है।
1.दवाइयां
- एंटी इन्फामेटरी दवाइयां:जैसे कि अमीनोसैलिसिलेट्स(Aminosalicylates)और(Corticosteroid)
- इम्मुनोसर्प्रेसेंट्स:यह दवाइयां प्रतीक्षा प्राणी को नियंत्रित करने में हमारी मदद करते हैं।
- बायोलॉजी थेरेपी:यह शरीर की सृजन प्रक्रिया को धीमा करने में हमारी बहुत ज्यादा मदद करती है।
- एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारण दवाइयां
2.सर्जरी
यदि दवाओं से आराम नहीं मिलता है। तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इसमें बड़ी आंत को हटाकर एक नया पाचन तंत्र मार्ग लगा दिया जाता है।
आहार और जीवन शैली में बदलाव
अल्सरेटिव कोलाइटिस के प्रबंध में उचित आहार और जीवन शैली का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
1.स्वस्थ आहार अपनाएं
- हल्का और कम वसा वाला भोजन खाएं।
- फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन सीमित करें।
- अधिक पानी पिए और हाइड्रेटेड रहे।
- डेयरी उत्पादों से बचें अगर एलर्जी हो तो।
2.तनाव प्रबंधन
- योग ध्यान और हल्के व्यायाम करें।
- पर्याप्त नींद ले।
- तनाव कम करने के लिए शौक और मनोरंजन का सहारा ले सकते हैं।
3.धूमपान और शराब से बचें
यह पदार्थ आंतों की सूजन को बढ़ा सकते हैं।
4.विटामिन और सप्लीमेंट
डॉक्टर की सलाह पर विटामिन B12 को और आईरन सप्लीमेंट्स लें।
अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचाव के उपाय
हालांकि इस बीमारी से बचाव की कोई गारंटी नहीं है। लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
- संतुलित और पोषक आहार लेना चाहिए।
- नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
- तनाव और चिंता से बचना चाहिए।
- समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
- दवाइयां को डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए।