अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है। जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत ही ज्यादा हमारी मदद करती है। आज के दौर में जहां लोग भाग दौड़ भरी जिंदगी में मानसिक और शारीरिक तनाव में जूझ रहे हैं। वहीं प्राचीन भारतीय आयुर्वेद में वर्णित अश्वगंधा एक औषधि है। यह न केवल तनाव को कम करने में हमारी मदद करती है। बल्कि ऊर्जा सहनशक्ति और संज्ञानात्मक कार्यों को भी बेहतर बनाती है।
इस लेख में हम अश्वगंधा के उन विशेष फायदे के बारे में बात करेंगे जिन पर बहुत कम चर्चा हुई होगी।
अश्वगंधा का परिचय और इतिहास
अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक औषधि होती है। जिसे भारतीय जिनसेग भी कहा जाता है। संस्कृत में अश्वगंधा का अर्थ होता है। अश्व (घोड़ा) की गंध,क्योंकि इसकी जड़ों की गंध घोड़े के समान होती है। यह प्राचीन काल से चिकित्सा पद्धतियां में उपयोग की जा रही है। और यह भारतीय यूनानी और अफ्रीकी चिकित्सा प्रणालियों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
तनाव और चिंता में रहता
अश्वगंधा को एक ऐसी शक्तिशाली एडाप्टोजन माना जाता है। जिसका अर्थ है। कि यह शरीर को तनाव से निपटने में मदद करती है। विभिन्न अध्ययनों में यह साबित हुआ है। कि अश्वगंधा कॉर्टिसोल तनाव हार्मोन के स्तर को कम करती है। जिससे मानसिक शांति हमको बहुत ज्यादा मिलती है।
डिप्रेशन से बचाव
यह केवल तनाव बल्कि अवसाद को भी कम करने में हमारी बहुत ही ज्यादा मदद करती है। यह सोरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरो ट्रांसमीटर को संतुलित रखता है। जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।
ध्यान और मेमोरी क्षमता में सुधार
अश्वगंधा का उपयोग स्मरण शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।यह न्यूरोलॉजी बीमारियों जैसी-अल्जाइमर और पार्किंसन रोग के जोखिम को भी कम करने में हमारी बहुत ही ज्यादा मदद करता है।
शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाने में सहायक
अश्वगंधा का उपयोग एथलीट और बॉडीबिल्डर अपनी सहनशक्ति और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए करते हैं। या मांसपेशियों की रिकवरी को तेज करता है। और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।
हार्मोन बैलेंस और प्रजनन क्षमता में सुधार
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने और शुक्राणु की गुणवत्ता को सुधारने में सहायक होता है। महिलाओं में भी यह हार्मोनल संतुलन को ठीक करने पर मानसिक धर्म की समस्या में लाभकारी होता है।
इम्यूनिटी बूस्टर
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। और शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से बचाने में मदद करता है। कोरोना महामारी के दौरान भी अश्वगंधा के सेवन को बढ़ा दिया गया था।
त्वचा और बालों के लिए लाभकारी
एंटी-एजिंग प्रभाव
अश्वगंधा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को झुरी से बचते हैं। और प्राकृतिक निखार बनाए रखने में हमारी मदद करते हैं। यह कोलेजन उत्पादन को भी बढ़ता है। जिससे त्वचा युवा और स्वस्थ बनी रहती है।
बालों का झड़ना कम करता है
यह बालों के झड़ने को रोकता है। और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में हमारी मदद करता है।
वजन घटाने और मेटाबॉलिक पर असर
अश्वगंधा शरीर की मेटाबॉलिज्म दर को सुधारने में हमारी मदद करता है। जिससे वजन नियंत्रित रहता है। यह शरीर में अतिरिक्त चर्बी को कम करने में और मांसपेशियों को बनाए रखने में सहायक होता है।
हृदय रोग में सुधार
अश्वगंधा का नियमित सेवन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में किया जाता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक होता है।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करें?
अश्वगंधा पाउडर
- एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध या शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
अश्वगंधा कैप्सूल या टैबलेट
- अगर पाउडर का स्वाद पसंद नहीं है। तो आप कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी ले सकते हैं।
अश्वगंधा चाय
- इसे चाय के रूप में भी पीने से लाभ मिलता है।
सावधानियां और साइड इफेक्ट्स
- अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट खराब हो सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए।
- लो ब्लड प्रेशर वालों को सावधानी बरतनी चाहिए।